Friday 26 March 2010

मेरे आने के दो महीने पहले

इस वक्त मेरे शरीर के अंगों का निर्माण हो चूका था अब बारी थी अंगों को मजबूत बनाने की तो मम्मी ने क्या किया, मम्मी ने प्रोटीन वाले खाने पर ज्यादा ध्यान दिया।
जैसे उन्होंने दूध और उससे से बनी हुई खाद्य सामग्री पर ज्यादा ध्यान दिया। साथ में फल और प्रसवकर घृत लेती थीं। बाकि सब खाना पीना सामान्य था।
एक राज की बात, खाती तो मम्मी थी पर मुझे बहुत मजा आता था। और उस समय तो और भी जब मम्मी गूपचूप खाती थी। कितना स्वादिष्ट था।

8 comments:

  1. वाह!! शानदार प्रस्तुति..एक बेहतरीन रचना!

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  2. सुन्दर प्रस्तुती।

    welcome to my blog
    http://photographyimage.blogspot.com/

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  3. bahut sunder rachna! khubsurat .....

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  4. Wonderful! ur welcome

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  5. पहली बार आपके ब्लोग पर आया हूँ , अच्छा लगा आपसे मिलकर , मुझसे दोस्ती करोगे
    http://www.madhavrai.blogspot.com/

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